5 दिन बाद भी राज्य में लागू नहीं हुआ सीएए; अब भी 6 साल की जगह 12 साल का निवास प्रमाणित होने पर ही दी जा रही नागरिकता

राजस्थान सरकार ने दो दिन पहले ही नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर दिया है, लेकिन केंद्र द्वारा बनाए गए इस कानून को राज्य में लागू करने से राज्य सरकार नहीं रोक सकती। कानूनी बाध्यता होने के बावजूद राजस्थान में अभी तक यह संशोधित कानून लागू नहीं हुआ है। जबकि, राष्ट्रपति 13 दिसंबर से ही इसे देशभर में लागू करने की मंजूरी दे चुके हैं। 



सबसे ज्यादा पाकिस्तानी शरणार्थी वाले राजस्थान में नागरिकता संशोधन कानून लागू न होने से हजारों पाकिस्तानी शरणार्थी इसके लाभ से अभी तक वंचित हैं। अगर नए नियम लागू होते तो 6 साल के रहवास पर ही उन्हें नागरिकता दे दी जाती लेकिन अब भी पुराने नियम से ही नागरिकता दी जा रही है, जिसमें कम से कम 12 साल का रहवास जरूरी है। 



साथ ही उनसे दर्जनों प्रकार के प्रमाण मांगें जा रहे हैं। सीएए लागू हो जाता तो कागजी औपचारिकताएं केवल 31 दिसंबर 2014 से पहले से रहवास की रह जातीं। सीएए कानून संसद से पारित होकर लागू हुए 45 दिन हो चुके हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद की मंजूरी भी अगले ही दिन 13 दिसंबर को मिल चुकी। लेकिन सबसे अधिक पाकिस्तानी शरणार्थी वाले प्रदेश में इसके लागू नहीं होने से संबंधित कलेक्टर भी असहाय महसूस कर रहे हैं। 


राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन ही जारी नहीं किया, कैसे लागू करें : कलेक्टर (बाड़मेर)


बाड़मेर कलेक्टर अंशदीप ने कहा कि अकेले जोधपुर सिटी में 19 हजार सहित आठ जिलों के करीब 50 हजार पाकिस्तानी शरणार्थी हैं। कई गुमनाम बस्तियां सालों से बाड़मेर, जैसलमेर और जयपुर में बसी हुई हैं। नागरिकता के लिए आवश्यक रहवास आदि के प्रमाण पत्र नहीं होने और अवैध होने के डर से हजारों तो झुग्गियों से बाहर ही नहीं निकले। हमें राज्य सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के तहत आदेश मिलेंगे तो ही नए नियम नागरिकता दे सकते हैं। केंद्र के आदेश राज्य को मिलते हैं। फिर राज्य उसकी पालना में नोटिफिकेशन जारी करेगा, तब हम कैंप लगा सकेंगे। अभी पुराने नियम से ही नागरिकता दे रहे हैं।


हमें राज्य के निर्देश ही नहीं मिले : कलेक्टर जैसलमेर


जैसलमेर कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि हमें राज्य के निर्देश ही नहीं मिले। इसके बिना कैसे सीएए के तहत नागरिकता दे सकते हैं। मनरेगा का पेमेंट भी केंद्र का काम है। लेकिन राज्य की गाइडलाइन से कलेक्टरों के माध्यम से पेमेंट होता है।  
 


अभी तो पुराने नियमों से ही नागरिकता दी जा रही : जयपुर कलेक्टर


जयपुर कलेक्टर जोगाराम पटेल ने कहा कि अभी तक तो पुराने नियमों से ही नागरिकता दी जा रही है। फिलहाल कोई केस पेंडिंग नहीं है। राज्य सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन मिलने के बाद ही हम नए नियमों से नागरिकता दे सकते हैं।


इन्हें पुराने नियमों से ही दी  गई नागरिकता



  • कोटा : 31 दिसंबर को पुराने नियम से 8 शरणार्थियों को नागरिकता दी। 

  • बाड़मेर : दिसंबर में कैंप लगाए तो सैकड़ों शरणार्थी आए, इंटलीजेंस ने बड़ी संख्या में कागजों पर आपत्ति कर दी, तो नागरिकता नहीं दी गई।

  • जोधपुर : पिछले महीने 5 को डाक से नागरिकता भेजी, 700 प्रक्रियाधीन।

  • जयपुर : जेडीए ने 10 दिन पहले 100 पाक शरणार्थियों को 50 फीसदी छूट पर 100 सस्ते भूखंड दिए।


ओम बिरला ने यूरोपीय संसद को सीएए पर दी नसीहत 


नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाए जाने को लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने यूरोपियन संसद के अध्यक्ष को खत लिखकर इस पर पुनर्विचार को कहा है। खत में स्पीकर ने सीएए के औचित्य को समझाते हुए बताया कि यह पड़ोसी देशों में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हुए लोगों को आसानी से नागरिकता देने के लिए है और यह किसी की नागरिकता नहीं छीनता। यूरोपियन संसद के अध्यक्ष डेविड मारिया ससौली को लिखे खत में स्पीकर बिरला ने लिखा है, ‘यह कानून हमारे ठीक पड़ोसी देशों में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हुए लोगों को आसानी से नागरिकता देने के लिए है।


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